बीएड की डिग्री हुई अब बेकार पूरे भारत में शिक्षक बनने के लिए अब न्यूनतम योग्यता में हो गया बड़ा बदलाव

शिक्षक भर्ती के लिए B.Ed बीटीसी की डिग्री हुई बेकार: नई शिक्षा नीति 2020 की सिफारिशों के तहत 2030 से जितने भी विद्यालय हैं वहां पर शिक्षक बनने के लिए शिक्षकों की जो न्यूनतम योग्यता अर्हता तय कर दी गई है । इसमें आपको 4 वर्षीय B.Ed या फिर 4 वर्षीय अध्यापक शिक्षा कार्यक्रम जिसे आप आईटीईपी भी कह सकते हैं। डिग्री धारक शामिल होंगे ।
B.ed की डिग्री हुई बेकार :- स्वागत करते हैं दोस्तों आपकी अपने ब्लॉग पर आज हम आपके लाए हैं भारत में शिक्षक बनने के लिए न्यूनतम योग्यता को लेकर आई बड़ी खबर के बारे में विस्तार पूर्वक बताने के लिए क्या B.Ed की डिग्री अब बेकार हो जाएगी,
भारत में शिक्षक बनने के लिए न्यूनतम योग्यता में क्या हो गया है बड़ा बदलाव आपके इन्ही सभी सवालों का जवाब आज हम इस आर्टिकल में देने वाले हैं। BEd ki degree Hui bekar shikshak banne ke liye ab newnatam yogyata mein ho gaya bada badlav
भारत में केंद्र सरकार द्वारा या राज्य सरकार द्वारा संचलन के जा रहे हैं विद्यालय में नई शिक्षा नीति के तहत प्राइमरी से हायर सेकेंडरी स्कूल तक के शिक्षक भर्ती के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यताओं में बदलाव किया गया है जो की शिक्षक बनने के लिए अब आपको नया कोर्स करना पड़ेगा आइए जानते हैं डिटेल में इन कोर्स के बारे में
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नई शिक्षा नीति के बाद होने वाले बदलाव
Teacher’s Job : नई शिक्षा लागू होने के तुरंत बाद पैटर्नों में बदलाव किया जा चुका है। अध्यक्ष का पैटर्न 5 + 3 + 3 + 4 के आधार पर लागू किया जा सकता है। इसके साथ ही बच्चों को 6 से हिंदी तथा अंग्रेजी भाषा में शिक्षा देने का प्रावधान भी जारी किए जा सकता है। अब बच्चों को प्राथमिक स्तर में कक्षा 5 तक के बच्चे की मातृभाषा तथा क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा देना बहुत ही अनिवार्य है। इसके साथ ही भविष्य में होने वाली शिक्षक भर्ती में भी नई शिक्षा नीति के आधार पर होने वाली भर्तियों में कई बड़े बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं।
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क्योंकि भविष्य में होने वाले शिक्षक भर्ती में शिक्षक परीक्षा के साथ-साथ इंटरव्यू तथा माइक्रो टीचिंग भी शामिल किया जा चुका है। जिससे की गुणवत्ता पर सरकार को पूर्ण रूप से प्राप्त कराया जा सके ।इसके साथ ही सरकार शिक्षा के स्तर में बहुत ज्यादा सुधार कर रही है। नई शिक्षा नीति 32 वर्षों के बाद भारत मे लागू किया जा रहा है।